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Motivational Story: दिव्या का नए साल का तोहफा
दिव्याकीमाँचाहतीथीकिउनकीबेटीपढ़नासीखेलेकिनजोअध्यापिकाउसेपढ़ातीथी, उसनेजल्दहीदिव्याकोपढ़ानाछोड़दिया।उसअध्यापिकानेकहा, ‘इसेपढ़ानेकाकोईमतलबनहींहै,दिव्यानहींसीखपाएगी।यहएकनालायकबच्चीहैऔरयहकोईकामनहींकरसकतीक्योंकियहआलसीहै।’
इसकेबादमैंगलोरसेएकयुवालड़काउसघरमेंरहनेआयाजहांदिव्यारहतीथी।वहअपनेसाथएकऐसीचीज़लायाजोकिसीनेभीकभीनहींदेखीथी।वहलड़काअपनेसाथरोलर स्केटलेकरआया।
जबदिव्यानेउसयुवालड़केकोस्केट्सपरभागतेहुएऔरफटाफटचलतेहुएदेखातोवहहैरानरहगई,वहउसकेपीछेबिल्लीकीतरहभागनेलगी।उसकीकालीआंखेऐसेचमकनेलगीजैसीइससेपहलेकभीनहींचमकीथीं। (Motivational Story)
एकदिनयुवालड़केनेदिव्याकोअपनेस्केट्सपहननेकामौकादिया।दिव्यास्केट्सकोलेकरबहुतखुशहुई।हालांकिउसेपहनकरवहगिरीऔरज़मीनपरफिसलीभीलेकिनउसनेउसबातकाबुरानहींमाना।
युवालड़केनेकहा, ‘देखो, दिव्या, मुझेपताहैकिमेरीचाचीनेतुम्हेपढ़ानेकीकोशिशकीथी।
दिव्यानेजवाबदियाशायद
‘तोतुमक्योंनहींपढ़ी?’ युवालड़केनेपूछा। ‘क्योंकितुमजवाबदेकरअपनेआपकोपरेशाननहींकरनाचाहतीथी।क्योंकितुमबहुतआलसीहो।अगरतुमपहलीजनवरीतकपढ़ना, लिखनासीखजाओगीतोमैंतुम्हेंबताताहूँकिमैंक्याकरूंगा।मैंतुम्हेंएकउम्दा रॉलरस्केट्सकाजोड़ाभेजूंगा।इतनेबढ़ियारॉलर स्केट्सभेजूंगाजितनेबढ़ियारॉलर स्केट्समंसूरीमेंमिलतेहै।’
दिव्याकीआँखें खुलीरहगईं।एकपलकेलिएउसनेकुछनहींकहाऔरफिरथोड़ेसमयबादउसनेकहा, ‘मैंवहस्केट्सजरूरलूंगी।पक्का।’ (Motivational Story)
औरउसनेकरकेदिखाया।जबभीवहपढ़नेबैठतीथीतोवहहमेशाअच्छापरिणामदेतीथी।बेशकवहकुछभीपढ़े, उसमेंवहउत्तीर्णहोतीथी।
वहअध्यापिकाजिसेपहलेदिव्याकोपढ़ानानामुमकिनलगताथाअबवहदिव्याकोआसानीसेपढ़ातीथीऔरअबउन्हेंकोईसमस्यानहींथी।अगरदिव्याआलसीपनकीज़रासीभीझलकदिखातीथीतोउसेस्केट्सबोलकरजगादियाजाताथा।औरयहएकशब्दउसकापढ़ाईमेमनलगानेकेलिएकाफीथा?
नएसालकीसुबहउसेएकडिब्बामिलाजिसपरबड़ेबड़ेअक्षरोंमेंलिखाथा-
मिसदिव्यामारवाह,
केयरऑफ़ मिसेजरितू
नईदिल्ली, भारत
अगरवहबाहरलिखेहुएशब्दोंकोपढ़सकतीहैतोवहइसडिब्बेकेअंदरवालीचीज़लेसकतीहै।जबदिव्यानेहरअक्षरकोबिनाकिसीतकलीफकेजल्दीऔरसाफसाफपढ़ातोउसनेउसडिब्बेकोखोलाऔरउसडिब्बेमेंउसकेलिएरॉलर स्केट्सथे।अबदिव्याकोसूरजमेंबैठकरअपनासमयबर्बादकरनापसंदनहींथा।अबउसकामनपढ़ाईमेंलगताथाऔरउसकाआलसीपनभीदूरहोगयाथा। (Motivational Story)
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